कुछ अनकही
रविवार, 30 अगस्त 2020
बढ़ता जा रहा हूं मैं
›
ठोकरें लाख है, सफर में हर ठोकर खाकर भी, मुस्कुरा रहा हूं मैं जैसी भी है मेरी है ,इसलिए जिंदगी को हर बढ़ते कदम के साथ, गले लगा रहा हूं मैं ...
ख्वाब ज़िंदा हैं
›
कुछ नए, ख़्वाब जिंदा हैं अभी तो, कई रात ज़िंदा है हर वक़्त, परखती है मुझको ज़िन्दगी इसलिए , ज़िन्दगी की खातिर हम भी कई, मुखौटो के साथ ज़िंद...
मंगलवार, 30 जून 2020
कुछ तो अलग बात है इन दिनों
›
कुछ तो अलग बात है इन दिनों कुछ अलग हालात हैं इन दिनों घर के बाहर दहशत है शहर कुछ शांत है इन दिनों गाड़ी के पहिए जाम है इन दिनों घर पर ऑफिस क...
शनिवार, 30 मई 2020
कहा जाना है
›
बहुत जल्दी में है सब शायद ना जाने कहां जाना है बरसो से सुना है जिन्दगी एक सफर है सफर को एक दिन मुकाम पे जाना है फिर भी वक़्त कहा है किसी क...
रविवार, 19 अप्रैल 2020
corona
›
प्रकृति ने भी क्या रूप दिखाया है इंसान घरों में कैद है और जानवर सड़क पर आया है हर कुछ शांत किया कुछ पल के लिए प्रकृति ने अपना दोहन खुद ह...
गुरुवार, 16 अप्रैल 2020
›
बहुत पैसा कमाया तूने की गफलत में सब को भूल गया मां-बाप और माटी तो यही रह गए तू किसी और मुल्क का हो गया ले देख वक्त ने करवट ली और क्या ...
सोमवार, 13 अप्रैल 2020
परछाइयां
›
यह परछाइयां भी कैसी है ना उम्र भर हर पल साथ चलती है गम हो या खुशी हो हर वक्त साथ निभाती है सिर्फ एक बात है जो वह उम्र भर नहीं कर पाती है ...
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें