रविवार, 15 मार्च 2020

अहसास कराना भी तो जरूरी है

एहसास कराना भी तो जरूरी है 
दिलों में जो है जज्बात उसे बताना भी तो जरूरी है 

अगर खवाहिसे है खुशियों की
तो गम का साथ निभाना भी तो जरूरी है

यूं ही नहीं मोहब्बत में मुकाम मिलते हैं 
रिश्तो को निभाते जाना भी तो जरूरी है

खुश हो अगर तो तुम सच में 
लबों से मुस्कुराना भी तो जरूरी है

सिर्फ फूलों को तुम गले लगाना चाहते हो 
पर कांटो का प्यार भी तो जरूरी है

हर रिश्ता खूबसूरत है इस दुनिया में 
पर हर रिश्तों में प्यार भी तो जरूरी है

अगर छाव अच्छी है
तो धूप का साथ भी तो जरूरी है

अगर बसंत की बाहर अच्छी है
तो पतझड़ की बयार भी तो जरूरी है

दिलो में जो जज़्बात है 
उस बताना भी जरूरी है

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें