शनिवार, 29 फ़रवरी 2020

मा बाप की मोहब्बत

गर हम नशे में होते मोहब्बत के
तो तुम्हे  अपना खुदा बताते 

मोहब्बत तो दो पल की रवानी है 
किसी को देखें और दिल धड़क जाए 
यह नहीं है मोहब्बत 
अरे मोहब्बत वह भी तो है जिससे दिल में धड़कन आए 

भला कैसे एहसान फरामोश बने हम
कि दिल लगे और सब कुछ भूल जाए

कैसे किसी एक को खुदा माने हम कि 
जब इस दुनिया में दो खुदा के साए में आए

कि मेरे आने के बाद ही तो हो 
मां कहलाए पिता कहलाए

दो पल का फसाना नहीं है जिंदगी
किसी और की दी हुई है जिंदगी 

कि कुछ और नहीं चाहिए उनको दुनिया में 
कि हमारी हर मुस्कुराहट में वो मुस्कुराए

रोए जब हम अकेले में हार कर 
तो उन्होंने भी अकेले छुप कर खूब आंसू बहाए

सारी मोहब्बत इस दुनिया में वक्त के साथ खत्म हो जाएगी
एक मां बाप की मोहब्बत है 
जो तुम्हारी पैदा होने से लेकर 
तुम्हारे जनाजे तक साथ जाएगी

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