शनिवार, 15 फ़रवरी 2020

कुछ इश्क़ हम निभा लो

इस भागदौड़ भरी जिंदगी से
कुछ पल तुम चुरा लो 
कुछ पल हम चुरा ले 
आ जाओ फिर से एक बार बाहों में
घुल जाए एक दूसरे में प्यार का दरिया बहा दे

जो बरसों से दबा रखे है अल्फ़ाज़ दिल में
होंठो से तुम बता दो लबों से हम हटा दे

जीवन तो गुलाब सा है 
आज खिला है तो कल मुरझाएगा भी
आज जो वक्त मिला हमको 
नहीं माने हम तो तो ये वक़्त गुज़र जाएगा भी

खामोश पलके अच्छी है तुम्हारी
पर ज्यादा ज्यादा खामोश रही 
तो कल छलक जाएगी 
आंखों से आंसू बरसाएगी 

छोड़ो जमाने कि बंदिशों को
दिल के अरमानों को 
परवान चढ़ा लो 
तुम मुझमें घुल जाओ में तुममें घुल जाए

इस खाली कैनवस सी जिंदगी में
कुछ रंग प्यार के भर दे 
एक प्यारी तस्वीर बना दे 

चलो इस भागदौड़ भरी जिंदगी से
फुर्सत के कुछ लम्हे चुरा ले
कुछ प्यार तुम करो
कुछ इश्क़ हम निभा ले

: आनर्त 

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