शनिवार, 25 जनवरी 2020

हिंदुस्तान को हिंदुस्तान ही रहने दो

न जाने क्यों इतने सवाल करते हो बेवजह तुम बवाल करते हो 
ना कुछ बदला है ना बदलेगा तो किस बात का मलाल करते हो 

यह तेरा वह तेरा कहकर न जाने क्यों इंसानियत को बदनाम करते हो और यही तो वह गुनाह जो तुम सुबह शाम करते हो

इंसान हो इंसानियत को बरकरार रहने दो 
छोड़ो इन वहशी दरिंदों की राजनीति को

हिंदुस्तान गुलिस्तान है गुलिस्तान ही रहने दो
खुले आसमान में मुस्कुराए हर कोई 
हर किसी के दिल में इतमीनान रहने दो

लगी हो चिंगारी कहीं आस-पास तू बुझा दो 
तुम मेरे प्यारे हिंदुस्तान को हिंदुस्तान रहने दो

जिन्हें कहना है झूठ उन्हें कहने दो
कुछ कमी है मेरे हिंदुस्तान में 

माना फिर भी कुछ कमी रहने दो 
मेरे प्यारे हिंदुस्तान को हिंदुस्तान रहने दो

: ©️आनर्त झा









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