मंजिलों का पाता नहीं
हर एक पल में जिन्दगी गुजारी है
हर एक लम्हा पीछे छूट गया
फिर भी सफर अभी जारी है
ना जाने कितने मिले बचपन में
जिनके साथ निभाई खूब यारी है
वो बिछड़ गए ना जाने कहां गए
सफर फिर भी जारी है
नहीं मिलता प्यार अब पहला सा
नहीं मिलता वो यार पहला सा
नहीं मिलता वो दुलार पहला सा
हर तरफ एक अजब सी खुमारी है
सफर फिर भी जारी है
लाचार है हम वक़्त के साए में
चाहते हो वो करते नहीं
जो नहीं चाहते वही करते जाते है
जिन्दगी के पहिए को यूहीं
धक्के लगाते हैं
नहीं चाहते चलना कुछ रहो में
फिर भी जीवन के अनमोल पल
उन्हीं रहो में बिताते है
यही हमारी लाचारी है
सफर तो अब भी जारी है
कल देखा था उनको फिर उन्हीं रहो में
लेकिन किसी और की बाहों में
जो थी कभी हमारी निगाहों में
तो क्या हुआ वो नहीं हमारी है
सफर फिर भी जारी है
वह बेवफा है तो क्या
हमें तो हमारी यारी निभानी है
एक नया सा रोग पनपा है आजकल
यह भी अजीब एक नई बीमारी है कई दोस्त है अब कंप्यूटर पर
मगर अच्छे दोस्त की खोज अब भी जारी है
मगर फिर भी ना वह पहली सी यारी है
हम चाहे ना चाहे सफर फिर भी जा रही है
रोज गिरता भी हूं संभलता भी हूं
जीवन से जंग जारी है
जीवन सचमुच एक सफर है
और सफर अभी जारी है
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